कोई भी बाहर का डाक्टर छत्तीसगढ़ में आकर डाक्टरों की प्रैक्टिस नहीं कर सकता!
क्यों..?
क्योंकि, छत्तीसगढ़ के मरीज की बीमारी छत्तीसगढ़ के डाक्टर के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता!
जैसे —
आमाजूरी होगे हे!
खस्सु होगे हे!
भीतर म आँधी कस उठत हे!
आँखी गड़त हे!
पेट जरत हे!
मूड़ पिरात हे!
पेट भडभाड़ात हे!
गुठुवा फूट गे हे!
मुँह टेड़गा होगे हे, लकवा मार देहे कस लागत हे!
लमचूची ढकार आवत हे!
कान टसटसात हे!
असकट लागत हे!
कान बोहात हे!
पेट ह गुडगुड़ात हे!
माथा भन्नात हे!
हाथ-गोड़ झुनझुनात हे!
ऐसी-ऐसी बीमारियाँ सुनकर, अच्छे-अच्छे MBBS डॉक्टर्स को भी अपनी डिग्री पर शक होने लगता है कि साला कहीं ये चैप्टर छूट तो नहीं गया था?
क्यों..?
क्योंकि, छत्तीसगढ़ के मरीज की बीमारी छत्तीसगढ़ के डाक्टर के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता!
जैसे —
आमाजूरी होगे हे!
खस्सु होगे हे!
भीतर म आँधी कस उठत हे!
आँखी गड़त हे!
पेट जरत हे!
मूड़ पिरात हे!
पेट भडभाड़ात हे!
गुठुवा फूट गे हे!
मुँह टेड़गा होगे हे, लकवा मार देहे कस लागत हे!
लमचूची ढकार आवत हे!
कान टसटसात हे!
असकट लागत हे!
कान बोहात हे!
पेट ह गुडगुड़ात हे!
माथा भन्नात हे!
हाथ-गोड़ झुनझुनात हे!
ऐसी-ऐसी बीमारियाँ सुनकर, अच्छे-अच्छे MBBS डॉक्टर्स को भी अपनी डिग्री पर शक होने लगता है कि साला कहीं ये चैप्टर छूट तो नहीं गया था?
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