Sunday, May 28, 2017

एक बार छत्तीसगढ का समारु

एक बार छत्तीसगढ का समारु 
अपनी girlfriend को 5 star hotel 
मे खाना खिलाने ले गया. 
उसने waiter को बुलाया और कहा

" Respected sir i beg to say that i 
am suffering from fever since three days. 
I can't come. Pls give two cup tea."
Waiter समझ गया कि ये चाय☕ मांग रहा है और चाय ले आया.
लडकी ने समारु से कहा  :हाय दाइ, तोर अंगरेजी, 
तो बिकट फर्राटा हे, भयानक अंगरेजी झाड़थस .
समारु : बस अत्तेकेच में मोर फैन बन गे हस. 
अभी  wonder of science  
सुनाए रतेंव  ते तोर होश उड़ जातिश । ..

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तुहँर सुरता मोला रही रही आथे

नइ जानव मोला का हो जाथे
तहुँ मन रोज msg भेजे करव
काबर के तुहँर msg ला पढे के बाद
2 कंउरा उपराहा खवाथे..

Friday, May 26, 2017

आजकल बिहनिया नही होता


आजकल बिहनिया नही होता 

direct मंझनिया हो जाता है...


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अउ बिहनिया का भुला साँझा 
घर आ जाये उसे भुला 
नहीं भुंजाय कहते हैँ. 

Tuesday, May 23, 2017

अध्यापक –

अध्यापक –
टेबल पर चाय किसने गिराई? 
इसे अपनी मातृभाषा मे बोलो ।

छात्र –
मातृभाषा मतलब मम्मी की भाषा में ?

अध्यापक – हां ।
छात्र – अरे   रोघा बेरा मै बुता कर कर मरत हावव अउ 
ते ह चाय ल डुलगा दे ओला तोर 
ददा ह धोही तोर गोड़ ला रान्धव भड़ुआ......

Thursday, May 11, 2017

लड़की-जानू प्लीज वो जादू

लड़की-जानू प्लीज वो जादू 
वाले तीन शब्द वोलो ना
लड़का- ओम भट स्वाहा
लड़की - तें अकेल्ला मरबे रे रोगहा 

शुभ रात्रि। शुभ रतिया

    शुभ रात्रि। शुभ रतिया
To,
            द सँगवारी 
subject:-  गुड नाईट
my dear:-  सँगी
    
            I beg to say that अलकरहा अँधियार होगे हे , i am ढलगिंग..
तहू ह आंखी ल मुंद के सूत जा , बिहनहा कुन हक्कन के गोठियाबो
                      शुभ रात्रि। शुभ रतिया

Tuesday, May 2, 2017

मया के " छंईहा "

मया के " छंईहा "
"घाम जनावत हे"
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सुरसुर सुरसुर गरम हवा
घाम ह जनावत हे
तरिया नदिया कुंआ बवली
पानी हर अटावत हे

अमरईया के छंईहा नईहे
रुख राई कटागे
डारा पतौना सबो झरगे
हवा गरेरा म उड़ागे

चट ले जरत हे भोंमरा
घाम ह जनावत हे
मुंड़ म टोपी गमछा चश्मा
पहिर के ईतरावत हे

गरमी ले राहत पाय बर
पंखा कुलर चलावत हे
गरमी म होके हलाकान
बिजली बिल बढ़ावत हे

एक बेर के नहाईय्या
तीन तीन बेर नहावत हे
गांव के तरिया डबरी ल
डुबक डुबक मतलावत हे

गरमी थिराय बर ठंडा पानी
मन भरके पियत हे
गांव ले लोग लईका मन
बरफ कुल्फी चुहकत हे

चिरई चिरगुन गाय गरवा
छँईया पाय बर तरसत हे
मंझनि मंझानिया सुरुज देव
आगि बरोबर तपत हे

""जय छत्तीसगढ""

   ""जय छत्तीसगढ""
गजब मिठाथे रे संगी, मोर छत्तीसगड़ के बासी.
ईही हमर बर तिरिथ गंगा, ईही हमर बर मथरा कासी.
उठथन बिहनिया करथन मुखारी, अउ झडक थन बासी.
दिन भर करथन काम बुता , पेट नई होवय खाली.
दार दरहन के कामे नईये, नई लगाय साग तरकारी.
दही मही संग नुन मिर्चा, गोन्दली येकर सन्ग्वारी.
के दिन ले बनाबो माल पुआ, के दिन ले बनाबो तसमई पुरी.
कतका ला बिसाबो सेव डालीया , के दिन ले खाबो सोहारी.
समोसा, जलेबी, पोहा, खोआ, रसगुल्ला नइ मिठावय हमला.
नई खाए सकन होटल के रोज, तेलहा, फुलहा भजिया.
सहरिया मन के नकल जो करबो, होजाहि जग हासि.
सबले सस्ता सबले बढीया , मोर छत्तीसगढ के बासी .
                        ""जय छत्तीसगढ""

chhattisgarhi Rajbhasha