झूठ तो मैं बोलव नहीं,
अउ सच मोला आय नहीं।।।
भात मैं खाँव नहीं,
बासी मोला सुहाय नहीं।।।
छत्तीसगढ़ मा शासन हे,
फेर २ रूपिया किलो रासन हे,
कहिथे कुछ, करथे कुछ,
अइसन ओखर भासन हे।।।
अइसन लबरा नेता मन के,
गोठ ह सुहाय नहीं,
झूठ तो मैं बोलव नहीं,
सच मोला आय नहीं।।।
सर्वशिक्षा अभियान चलत हे,
खेतखार ल बेच पढत हे।।।
लटपट एक ठन नौकरी के भेकेंसी,
ता अढ़ई हजार झन फारम भरत हें।।।।
बिन तनखा गुरूजी कर्जा मा बुड्गे,
तेखरे ले आजकल पढाय नहीं।
झूठ तो मैं बोलव नहीं,
सच मोला आय नहीं।।।
लइका पढ लिख के सुखियार होगे,
गाॅव गली म हीरो बन घूमत हे।।।।
छेरी भईसा बेचे ल परगे,
लईका ओला चराय नहीं
जेखर सिफारिस नइहे,
तेखर नौकरी आय नहीं।।
झूठ तो मैं बोलव नहीं,
सच मोला आय नहीं।।।
बिन दाई के परसे, आऊ बिन मेघा के बरसे।।।।
भुइयाँ के पियास,बुझाय नहीं।।।।
झूठ तो मैं बोलव नहीं,
आऊ सच मोला आय नहीं।।
जय छत्तीसगढ़ महतारी
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