Sunday, February 12, 2017

३६डीगरी

जय जोहार..

जईसे मोबाईल के टावर हे , वईसे छत्तीसगढ़िया के पावर हे।।

जईसे बिहाव के भाँवर हे ,वईसे खेती करईया के नाँगर हे।।

जईसे इडली अऊ शाँभर हे , वईसे खोकसी अऊ बाँबर हे।।

जईसे घुँघरू अऊ माँदर हे ,वईसे पड़की अऊ घाघर हे।।

जईसे गागर मे सागर हे ,वईसे गड्ढा कोड़े बर साबर हे।।

जईसे दन्त मंजन डाबर हे ,वईसे तरिया के सुग्घर वाटर हे।।

जईसे धरती अऊ बादर हे , वईसे कथरी अऊ चादर हे।।

जईसे मुरई अऊ गाजर हे ,  वईसे अधधी अऊ क्वाटर हे।।

जईसे बंगाला अऊ टमाटर हे ,वईसे ददा अऊ फादर हे ।।

  छत्तीसगढ़िया मनखे मन ल जय जोहार।।।।।।।।।

✍✍
देवीपरसाद केवट बीलासपुरीया छत्तीसगढ़िया ✍✍

*छत्तीसगढ़ीया तर्क-*

*पत्नी (पति से) :-*

अऊ मैं हर सुने हौं
कि मरे के बाद आदमी मन ल
सरग म अप्सरा मिलथे?
का ए हर सच हे? .

*पति :-*
बिल्कुल सच हे,, सोला आना।

*पत्नी :-*
अऊ माई लोगन मन ल का मिलथे?? .

*पति :-*
ओमन ल,,,बेन्दरा मिलथे,,, बेन्दरा। .
*पत्नी :-*
वाह! आदमी मन ल
ईहों अप्सरा अऊ ऊंहों अप्सरा।
अऊ माई लोगन मन ल ईंहों बेंन्दरा
ऊंहों बेन्दरा
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