Tuesday, January 2, 2018

माई कोठी के धान ला हेर हेरा !

चाउंर के फरा बनायेंव, थारी म गुडी गुडी
धनी मोर पुन्‍नी म, फरा नाचे डुआ डुआ
तीर तीर मोटियारी, माझा म डुरी डुरी
चाउंर के फरा बनायेंव, थारी म गुडी गुडी !
000 000 000
तारा रे तारा लोहार घर तारा …….
लउहा लउहा बिदा करव, जाबो अपन पारा !
छेर छेरा ! छेर छेरा !
माई कोठी के धान ला हेर हेरा !

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chhattisgarhi Rajbhasha