Saturday, March 25, 2017

*बोरे बासी*

*बोरे बासी*
घाम घरि के दिन म

बासी गजब सुहाथे जी
नुनमिरचा अउ गोंदली सन
पसिया बने पियाथे जी

आमा चटनी के अमसुर

नुनसुर म बने खवाथे जी
हरन हम छत्तीसगढ़िया
पेज म तन जुड़ाथे जी

ठंड़ा मतलब बोरे बासी

ईहि हरयं हमर जलपान जी
खाथन बटकी हढ़िया हढ़िया
गांव देहात के पहचान जी!

मयारुक छत्तीसगढ़िया

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chhattisgarhi Rajbhasha