*बोरे बासी*
घाम घरि के दिन म
बासी गजब सुहाथे जी
नुनमिरचा अउ गोंदली सन
पसिया बने पियाथे जी
आमा चटनी के अमसुर
नुनसुर म बने खवाथे जी
हरन हम छत्तीसगढ़िया
पेज म तन जुड़ाथे जी
ठंड़ा मतलब बोरे बासी
ईहि हरयं हमर जलपान जी
खाथन बटकी हढ़िया हढ़िया
गांव देहात के पहचान जी!
मयारुक छत्तीसगढ़िया
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